पोर्टल पर नहीं दर्ज हो रही आनलाइन उपस्थिति, शिक्षकों और छात्रों पर गिरी गाज

आनलाइन उपस्थिति पोर्टल पर नहीं दर्ज, निरीक्षण में कई स्कूलों की लापरवाही उजागर, अफसरों ने जताई नाराजगी।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा बनाए गए आनलाइन उपस्थिति पोर्टल को स्कूलों ने नज़रअंदाज़ कर दिया है। अफसरों के निर्देशों के बावजूद, शिक्षकों और विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति दर्ज नहीं की जा रही — संयुक्त शिक्षा निदेशक आरएन विश्वकर्मा ने इसे “गंभीर लापरवाही” बताया है।

पोर्टल पर नहीं दर्ज हो रही आनलाइन उपस्थिति, शिक्षकों और छात्रों पर गिरी गाज
पोर्टल पर नहीं दर्ज हो रही आनलाइन उपस्थिति, शिक्षकों और छात्रों पर गिरी गाज

🔎 निरीक्षण में खुली पोल, कार्रवाई के निर्देश

हाल ही में प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर के जिला विद्यालय निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सभी माध्यमिक विद्यालय प्रतिदिन उपस्थिति पोर्टल पर दर्ज करें।

🔴 निरीक्षण में सामने आया कि अधिकांश स्कूलों में ये प्रक्रिया ही नहीं हो रही।

आरएन विश्वकर्मा ने कौड़िहार स्थित सरस्वती देवी परमानंद सिन्हा इंटर कॉलेज में जब सुबह 10:50 बजे औचक निरीक्षण किया, तो स्कूल पूरी तरह खाली मिला। प्रधानाचार्य का जवाब चौंकाने वाला था — “छात्रों को छुट्टी दे दी गई है।”

जबकि यूपी बोर्ड की ओर से समय सारिणी स्पष्ट रूप से जारी की गई थी

👨‍🏫 परिणामस्वरूप:

  • प्रधानाचार्य सहित सभी शिक्षकों का एक दिन का वेतन रोका गया
  • निर्देश दिया गया कि तत्काल सभी विद्यालय समय सारिणी के अनुसार कक्षाएं संचालित करें।
  • आनलाइन उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज की जाए।
पोर्टल पर नहीं दर्ज हो रही आनलाइन उपस्थिति, शिक्षकों और छात्रों पर गिरी गाज
पोर्टल पर नहीं दर्ज हो रही आनलाइन उपस्थिति, शिक्षकों और छात्रों पर गिरी गाज

🏫 एक और विद्यालय में मिली संतोषजनक स्थिति

इसके बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक आईकेएम इंटर कॉलेज पहुंचे, जहां पठन-पाठन सामान्य पाया गया। हालांकि परिसर की सफाई को लेकर निर्देश दिए गए कि घास कटवाई जाए और अन्य सफाई संबंधी बिंदुओं पर तुरंत कार्रवाई हो।


📌 वर्तमान स्थिति और आगे की संभावित कार्रवाई

  • अब जिला विद्यालय निरीक्षकों को सीधे जवाबदेह ठहराया जाएगा।
  • सभी अशासकीय और राजकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में नियमित उपस्थिति अपलोड न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
  • अफसरों का साफ कहना है — “अब लापरवाही नहीं चलेगी, व्यवस्था ऑनलाइन होगी और पारदर्शी भी।”

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