लखनऊ की गरीब महिलाओं की चिकनकारी को मिला ग्लोबल मंच, ई कॉमर्स से बदलेंगे हजारों जीवन, जानिए सरकार की ODOP योजना का असर।
लखनऊ: जिन हाथों ने लखनऊ की चिकनकारी को दुनिया में पहचान दिलाई, वही आज गुमनाम और गरीबी में जीने को मजबूर हैं। अब वही कारीगर महिलाएं सीधे ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर अपने उत्पाद बेच सकेंगी — यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक जिला एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत एक ऐतिहासिक पहल है।

🧶 महिलाओं को मिलेगा मुफ्त प्रशिक्षण, बिक्री का मिलेगा वैश्विक मंच
22-23 जुलाई को निर्यात भवन, लखनऊ में 150 महिलाओं को ई-कॉमर्स ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग एक दक्षिण भारतीय कंपनी मुफ्त में देगी।
उपायुक्त उद्योग एमके चौरसिया ने बताया कि इस प्रशिक्षण के बाद महिलाएं अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर बेच सकेंगी।
“यह पहल महिलाओं को बिचौलियों से आज़ादी दिलाएगी और उनकी आमदनी को बेहतर बनाएगी।” — एमके चौरसिया, उपायुक्त उद्योग
🧕 जमीनी हकीकत: मेहनत का पैसा नहीं, आंखों की रोशनी जाती

लखनऊ व आसपास के गांवों की करीब 3 लाख महिलाएं चिकनकारी और जरदोजी जैसे महीन कामों में लगी हैं। इनका काम बड़ी-बड़ी कंपनियों और ब्रांड्स द्वारा बेचा जाता है, लेकिन इन महिलाओं को उचित मेहनताना नहीं मिलता।
ठेकेदारी व्यवस्था, सीधा संबंध न होना और कच्चे माल की निर्भरता जैसे कारणों से इनकी माली हालत बेहद खराब है।
अब जब ये महिलाएं डायरेक्ट ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ेंगी, तो न केवल उन्हें उचित पारिश्रमिक मिलेगा, बल्कि वे अपने डिजाइनों की पहचान खुद बना पाएंगी।
यह पहल उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम है।